गुरुवार, फ़रवरी 10, 2011

भारत रत्न और अन्य नागरिक सम्मान

भारतीय गणराज्य के चार नागरिक पुरस्कार हैं: भारत रत्न, पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण. इनका वरीयता क्रम है पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न.

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान या सार्वजनिक सेवा शामिल है। इस सम्मान की स्थापना २ जनवरी १९५४ में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। भारत में नागरिक सम्मान को नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान १९५५ में बाद में जोड़ा गया। बाद में यह १० व्यक्तियों को मरणोपरांत प्रदान किया गया।

आजकल हर तरफ सचिन को भारत रत्न देने की बात चल रही है. सचिन को खेलों का सर्वोच्च सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न मिल चुका है. और सचिन विभूषण से भी नवाजे जा चुके हैं. भारत रत्न बहुत ही प्रतिष्ठित पुरुस्कार है. और कई बार राजनीति से प्रेरित रहा है. मेरे पास कई उदाहरण हैं राजीव गाँधी, MGR, गुलजारी लाल नंदा, अरुणा असाफ़ अली और मोरार जी देसाई. इन विभूतियाँ द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है. साथ ही यह लोग भारत रत्न के लिए उपयुक्त नहीं हैं.

अगर हम सचिन को भारत रत्न की वकालत करते हैं तो कपिल देव को क्यों भूल जाते हैं. एक ऐसे समय में कपिल की टीम ने हमारे लिए विश्व कप जीता जब कोई सोच भी नहीं रहा था. अब अगर विश्व कप को पैमाना बनाते हैं तो अजीतपाल सिंह को भी मिलाना चाहिए. परन्तु कपिल देव और अजीतपाल सिंह को तो शायद पद्म विभूषण भी नहीं मिला (ज्ञानी लोग प्रकाश डालें).

मेरे हिसाब से सचिन को खेल रत्न मिलाना ही काफी है सचिन ने क्रिकेट के अतिरिक्त कुछ नहीं किया. वैसे ऐसा लिखने का कारण मेरा सचिन विरोधी होना नहीं है. मै भी सचिन का प्रसंशक हूँ. सचिन को देख कर मैंने सही कवर ड्राईव लगाना सीखा. यहाँ मैं बताना चाहूँगा, प्रकाश पादुकोण ने कभी कोल्ड ड्रिंक का विज्ञापन नहीं किया. उन्होंने बड़ी ही विनम्रता से कहा कि "कोल्ड ड्रिंक से सिवाय पाचन ख़राब होने के कुछ नहीं होता."

हमारे क्रिकेट भगवान कल तक पेप्सी बेचते थे अब coke को अच्छा कह रहे हैं. लेकिन साथ मे सचिन ने रक्तदान, पानी बचाने और पोलिओ की दवा पिलाने का विज्ञापन भी किया है. सचिन सिगरेट और शराब का विज्ञापन नहीं करते. यह उनकी महानता है. भई मैंने भी TVS Victor खरीदी थी सचिन के कारण. इसीलिए मै तो सचिन के लिए खेल रत्न और पद्म विभूषण की वकालत करूँगा.

दद्दा को भारत रत्न जरूर मिलाना चाहिए. दद्दा से मतलब है होंकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद. जिन्होंने १५ अगस्त के दिन भारत को बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाया.

डर इस बात का है कि "भांडों को भारत रत्न न मिल जाये". भांडों से मेरा मतलब फ़िल्मी हस्तियों से है.

रविवार, फ़रवरी 06, 2011

बाबा रामदेव - एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व

आज बाबा रामदेव के बारे में समाचार पढ़ा. बाबा जी मिस्र की अहिंसक क्रांति से प्रेरित हो कर काले धन के कारण एक अहिंसक क्रांति की बात कर रहे हैं.  (मूल समाचार को पढ़ने के लिए शीर्षक पर क्लिक करें.)
मैं बाबा रामदेव से पूर्णतः सहमत हूँ. देश के वर्तमान हालात में भारत को एक क्रांति की आवश्यकता है. काले धन के लिए ही नहीं आजकल के राजनैतिक परिदृश्य के लिए भी हम भारतीयों को क्रांति का श्रीगणेश करना होगा.
यह एक हास्यपद स्थिति ही है कि व्यापारियों के एक दल ने सरकार के नाम त्राहि माम का एक खुला पत्र लिखा है. व्यापारी वर्ग  तो अक्सर सुविधा शुल्क दे कर जल्दी से अपना काम जल्दी करने में विश्वास रखता है, आज वहि त्राहि माम कर रहा है. किसी भी देश में रिश्वत को बढ़ावा देने में इसी व्यापारी वर्ग का बहुत बडा हाथ होता है.
क्रांति का सूत्रधार आमआदमी ही हो सकता है, परन्तु उसका नेतृत्व एक ईमानदार, कर्त्वयानिष्ठ और नैतिक व्यक्ति के हाथ में होना चाहिए. साथ ही वह दूरदर्शी और चमत्कारिक व्यक्तित्व का स्वामी होना चाहिए. मेरे दृष्टिकोण में बाबा के अन्दर यह सारी खूबियाँ है.
उनके अन्दर जबरदस्त नेतृत्व क्षमता है. उनके असंख्य अनुयायी इस बात का प्रमाण है.

नोट: अभी इसमे और भी लिखने की आवश्यकता है. समय मिलने पर इसे पूरा करूंगा. पिछली कई बार से अपना वायदा नहीं निभा पाने का अपराधबोध है.
यह विषय इतना ज्वलंत है कि इस पर लिखना जरूरी है समय तो निकालना ही होगा......

मनोज