मेरे ब्लॉग को मिला Response

अपने Blog(चिठ्ठे) पर काफी टिप्पणियां मिली. बहुत अच्छा लगा. मित्रों ने ई-चिठ्ठी भी लिखीं है. कुछ सुझाव भी मिले. काफी सारा समर्थन भी मिला. आप लोगों द्वारा इतना वक़्त देने के लिए धन्यवाद. मैं तो हतप्रभ रह गया. जब मेरा ब्लॉग भारत से ज्यादा, भारत के बाहर पढ़ा गया. तीन बार चीन में. दक्षिण कोरिया में तो मेरे अनुज डा. प्रवीण कुमार शर्मा हैं. जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, सऊदी अरब. काफी लोग अलग-अलग जगह से हिंदी के ब्लॉग पढ़ रहे है. अच्छा लगता है.

इन सब से लिखने की प्रेरणा मिल रही है. और अच्छा लिखने की जिम्मेवारी भी महसूस हो रही है. अब बहुत कुछ लिखने का मन कर रहा है. अपने हापुड़ के दिन, दाऊ के साथ, मईनुद्दीन के साथ. और सबसे ज्यादा तो BIET के चार स्वर्णिम वर्ष. वो साकेत भवन और पंचवटी भवन का क्रिकेट फ़ाइनल. २ विकेट से जीता था साकेत भवन ने. बहुत कुछ है लिखने के लिए यारों. और मेरी हापुड़ शटल की डेली पैसिंजारी और सीप का खेलना.

रात काफी हो चुकी है. सुबह को बहुत जल्दी उठ कर रास लफान भी जाना है. शुभ रात्रि.

- मनोज