रविवार, फ़रवरी 06, 2011

बाबा रामदेव - एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व

आज बाबा रामदेव के बारे में समाचार पढ़ा. बाबा जी मिस्र की अहिंसक क्रांति से प्रेरित हो कर काले धन के कारण एक अहिंसक क्रांति की बात कर रहे हैं.  (मूल समाचार को पढ़ने के लिए शीर्षक पर क्लिक करें.)
मैं बाबा रामदेव से पूर्णतः सहमत हूँ. देश के वर्तमान हालात में भारत को एक क्रांति की आवश्यकता है. काले धन के लिए ही नहीं आजकल के राजनैतिक परिदृश्य के लिए भी हम भारतीयों को क्रांति का श्रीगणेश करना होगा.
यह एक हास्यपद स्थिति ही है कि व्यापारियों के एक दल ने सरकार के नाम त्राहि माम का एक खुला पत्र लिखा है. व्यापारी वर्ग  तो अक्सर सुविधा शुल्क दे कर जल्दी से अपना काम जल्दी करने में विश्वास रखता है, आज वहि त्राहि माम कर रहा है. किसी भी देश में रिश्वत को बढ़ावा देने में इसी व्यापारी वर्ग का बहुत बडा हाथ होता है.
क्रांति का सूत्रधार आमआदमी ही हो सकता है, परन्तु उसका नेतृत्व एक ईमानदार, कर्त्वयानिष्ठ और नैतिक व्यक्ति के हाथ में होना चाहिए. साथ ही वह दूरदर्शी और चमत्कारिक व्यक्तित्व का स्वामी होना चाहिए. मेरे दृष्टिकोण में बाबा के अन्दर यह सारी खूबियाँ है.
उनके अन्दर जबरदस्त नेतृत्व क्षमता है. उनके असंख्य अनुयायी इस बात का प्रमाण है.

नोट: अभी इसमे और भी लिखने की आवश्यकता है. समय मिलने पर इसे पूरा करूंगा. पिछली कई बार से अपना वायदा नहीं निभा पाने का अपराधबोध है.
यह विषय इतना ज्वलंत है कि इस पर लिखना जरूरी है समय तो निकालना ही होगा......

मनोज

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